गुरुवार, मई 06, 2010

फर्जी सालवेंसी पर पर्यटन में ठेकेदारी















रवीन्द्र जैन

भोपाल। एक ठेकेदार कूट रचित दस्तावजों के आधार पद सोलवेंसी तैयार कराकर मप्र पर्यटन विकास निगम में अपना पंजीयन कराता है, और पांच साल तक ठेकेदारी करता है। पोल खुलने पर पर्यटन निगम के अधिकारी पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने के बजाय केवल पंजीयन निरस्त करके उसे छोड़ देते हैं।

पर्यटन विकास निगम के वरिष्ठ लेखा अधिकारी पे 1 अप्रेल को आदेश जारी किया है कि - बताया है कि जितेन्द्र सिंह कंसाना का ठेकेदार के रुप में पर्यटन विकास निगम में अ-3 के रुप में 6 मई 2005 को पंजीयन किया गया था। इसके लिए उन्होंने अतिरिक्त कलेक्टर भोपाल द्वारा जारी रेवेन्यु सालवेंसी प्रस्तुत की थी। अपर कलेक्टर भोपाल ने दिनांक 3 मार्च 2010 को निगम को सूचित किया है कि - उक्त रेवेन्यु सालवेंसी कूट रचित होकर फर्जी थी। अत: पर्यटन निगम में जितेन्द्र सिंह कंसाना का पंजीयन निरस्त किया जाता है।

सलकनदेवी मंदिर में किया काम : फर्जी सोलवेंसी के आधार पर ठेकेदार जितेन्द्र सिंह कंसाना ने पिछले साल पर्यटन विकास निगम की ओर से सीहारे जिले के सलकनपुर देवी मंदिर की सीढिय़ों पर स्टोन फ्लोरिंग का काम किया था। निगम ने इस कार्य के लिए उसे 37 लाख 59 हजार 353 रुपए का भुगतान किया था। इसके अलावा भी उन्होंने निगम से कई ठेके प्राप्त किए थे।

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