5 अरब की बेनामी संपत्ति उजागर
भोपाल. मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में तीन आईएएस अफसरों समेत विभिन्न जगह आयकर विभाग द्वारा की जा रही छापेमार कार्रवाई में अब तक करीब 500 करोड़ की बेनामी संपत्ति का पता चला है। इसमें 7.7 करोड़ की नकदी और ज्वैलरी भी शामिल है। आयकर विभाग के मुताबिक 7.2 करोड़ रुपए की संपत्ति मध्यप्रदेश के आईएएस अफसरों व अन्य के यहां से जब्त की गई। इस दौरान ऐसे दस्तावेज हाथ लगे हैं जिनमें मप्र और छत्तीसगढ़ के अफसरों के यहां करीब ५क्क् करोड़ रुपए की बेनामी संपत्ति होने की पुष्टि होती है। आयकर विभाग द्वारा दावा किया जा रहा है कि मप्र व छत्तीसगढ़ के तीनों आईएएस अफसरों के पास अकूत अवैध संपत्ति है।
कृषि सचिव ने खपाई काली कमाई
रायपुर. कृषि सचिव बीएल अग्रवाल और उनके रिश्तेदारों के यहां मिली काली कमाई की रकम अनजान गांव वालों के नाम पर खपाई गई है। खरोरा और उसके आसपास के गांवों के लोगों के नाम से अनेक खाते खुलवाकर नंबर दो की कमाई की राशि इस्तेमाल की गई। किसी के नाम से 10 लाख तो किसी के नाम से पांच लाख रुपए बैंक में जमा किए गए। जिनके नाम से खाते हैं, उन्हें पता ही नहीं है कि वे लखपति हैं।
ये सब खाते असल में अग्रवाल और उनके लोग ही संचालित करते थे। इसी गोरखधंधे की पड़ताल करने के लिए आयकर अधिकारियों की टीम खरोरा पहुंच गई। आयकर अधिकारियों ने आज नोटरी के सामने शपथपूर्वक ग्रामीणों के बयान लिए। इसके साथ ही उनके बयानों की वीडियो शूटिंग भी कराई गई। उन्होंने ग्रामीणों के नाम से पैनकार्ड भी बनवाए ताकि किसी प्रकार कानूनी अड़चन काली कमाई को खपाने में न आए।
मुफ्त में बने पैनकार्ड
घोटालों की रकम को खपाने के लिए सीए सुनील अग्रवाल और उनके रिश्तेदार आलोक अग्रवाल ने ग्रामीणों के नाम से पैनकार्ड थोक में बनवाए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि उनके पास अग्रवाल खुद आए थे और यह कहकर गए कि पैन कार्ड आप लोगों के काफी काम आएगा, बनवा लीजिए। उन्होंने यहां तक कहा कि वैसे तो 1500 रुपए पैनकार्ड बनाने के लिए लगते हैं, लेकिन आप लोगों से कोई रकम नहीं ली जाएगी। इस तरह ग्रामीणों के मुफ्त में पैनकार्ड बन गए।
राज्य सरकार करेगी कड़ी कार्रवाई
कृषि सचिव बीएल अग्रवाल और उनके रिश्तेदारों के यहां आयकर छापों में मिली 300 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति के मामले में राज्य सरकार एक-दो दिन में कड़ी कार्रवाई करेगी। राज्य शासन ने आयकर विभाग से छापों के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। मुख्यमंत्री दो दिन से नईदिल्ली में हैं। उन्होंने नईदिल्ली से ही पूरे मामलों पर नजर रखी हुई है। उनके निर्देश पर राज्य शासन ने आयकर विभाग से कार्रवाई का ब्यौरा मांगा है।
उनके कल रायपुर लौटने पर इस संबंध मंे निर्णय लिए जाने की संभावना है। मध्यप्रदेश में आईएएस दंपत्ति टीनू जोशी और अरविंद जोशी को निलंबित किया जा चुका है। इस कारण माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ शासन भी इसी तरह की कार्रवाई कर सकता है। फिलहाल इसका खुलासा नहीं किया जा रहा है कि कार्रवाई क्या हो सकती है। इस बीच अग्रवाल ने राज्य शासन को अपनी संपत्ति के संबंध में सफाई दी है।
अग्रवाल ने मुख्य सचिव पी. जॉय. उम्मेन को पत्र लिखकर और दूरभाष के माध्यम से अपना पक्ष रखा है। उन्होंने शासन से कहा है कि उनके घर से मात्र छह लाख पांच हजार रुपए मिले हैं। इस रकम के बारे में वे शासन को पहले ही जानकारी दे चुके हैं।
5 अरब की बेनामी संपत्ति उजागर
भोपाल. मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में तीन आईएएस अफसरों समेत विभिन्न जगह आयकर विभाग द्वारा की जा रही छापेमार कार्रवाई में अब तक करीब 500 करोड़ की बेनामी संपत्ति का पता चला है। इसमें 7.7 करोड़ की नकदी और ज्वैलरी भी शामिल है।
कृषि सचिव ने खपाई काली कमाई
रायपुर. कृषि सचिव बीएल अग्रवाल और उनके रिश्तेदारों के यहां मिली काली कमाई की रकम अनजान गांव वालों के नाम पर खपाई गई है। खरोरा और उसके आसपास के गांवों के लोगों के नाम से अनेक खाते खुलवाकर नंबर दो की कमाई की राशि इस्तेमाल की गई। किसी के नाम से 10 लाख तो किसी के नाम से पांच लाख रुपए बैंक में जमा किए गए। जिनके नाम से खाते हैं, उन्हें पता ही नहीं है कि वे लखपति हैं।
ये सब खाते असल में अग्रवाल और उनके लोग ही संचालित करते थे। इसी गोरखधंधे की पड़ताल करने के लिए आयकर अधिकारियों की टीम खरोरा पहुंच गई। आयकर अधिकारियों ने आज नोटरी के सामने शपथपूर्वक ग्रामीणों के बयान लिए। इसके साथ ही उनके बयानों की वीडियो शूटिंग भी कराई गई। उन्होंने ग्रामीणों के नाम से पैनकार्ड भी बनवाए ताकि किसी प्रकार कानूनी अड़चन काली कमाई को खपाने में न आए।
मुफ्त में बने पैनकार्ड
घोटालों की रकम को खपाने के लिए सीए सुनील अग्रवाल और उनके रिश्तेदार आलोक अग्रवाल ने ग्रामीणों के नाम से पैनकार्ड थोक में बनवाए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि उनके पास अग्रवाल खुद आए थे और यह कहकर गए कि पैन कार्ड आप लोगों के काफी काम आएगा, बनवा लीजिए। उन्होंने यहां तक कहा कि वैसे तो 1500 रुपए पैनकार्ड बनाने के लिए लगते हैं, लेकिन आप लोगों से कोई रकम नहीं ली जाएगी। इस तरह ग्रामीणों के मुफ्त में पैनकार्ड बन गए।
राज्य सरकार करेगी कड़ी कार्रवाई
कृषि सचिव बीएल अग्रवाल और उनके रिश्तेदारों के यहां आयकर छापों में मिली 300 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति के मामले में राज्य सरकार एक-दो दिन में कड़ी कार्रवाई करेगी। राज्य शासन ने आयकर विभाग से छापों के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। मुख्यमंत्री दो दिन से नईदिल्ली में हैं। उन्होंने नईदिल्ली से ही पूरे मामलों पर नजर रखी हुई है। उनके निर्देश पर राज्य शासन ने आयकर विभाग से कार्रवाई का ब्यौरा मांगा है।
उनके कल रायपुर लौटने पर इस संबंध मंे निर्णय लिए जाने की संभावना है। मध्यप्रदेश में आईएएस दंपत्ति टीनू जोशी और अरविंद जोशी को निलंबित किया जा चुका है। इस कारण माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ शासन भी इसी तरह की कार्रवाई कर सकता है। फिलहाल इसका खुलासा नहीं किया जा रहा है कि कार्रवाई क्या हो सकती है। इस बीच अग्रवाल ने राज्य शासन को अपनी संपत्ति के संबंध में सफाई दी है।
अग्रवाल ने मुख्य सचिव पी. जॉय. उम्मेन को पत्र लिखकर और दूरभाष के माध्यम से अपना पक्ष रखा है। उन्होंने शासन से कहा है कि उनके घर से मात्र छह लाख पांच हजार रुपए मिले हैं। इस रकम के बारे में वे शासन को पहले ही जानकारी दे चुके हैं।
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