शुक्रवार, फ़रवरी 12, 2010

भ्रष्ट विधानसभा अफसरों पर

क्यों नहीं होती कार्यवाही






रवीन्द्र जैन
भोपाल। आंध्रप्रदेश विधानसभा के विशेष सचिव विधानसभा के गोपालकृष्णा के यहां पड़े एंटी करेप्शन ब्यरो के छापों में बीस करोड़ रूपए की सम्पत्ति पकड़े जाने के बाद मप्र विधानसभा के तीन अधिकारियो का मामला फिर से गर्म हो गया है। पिछले साल मप्र विधानसभा के तीन अधिकारियों के यहां इंकम टैक्स विभाग ने छापा मारा था, जिसमें लगभग सौ करोड़ रूपए की अवैध सम्पत्ति मिली थी। इस संबंध में इंकम टैक्स विभाग ने स्पीकर ईश्वरदास रोहाणी को लिखित में रिपोर्ट सौंप दी, लेकिन स्पीकर ने आज तक इन अफसरों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की है।
इंकम टैक्स विभाग ने विधानसभा के अतिरिक्त सचिव सत्यनारायण शर्मा,अवर सचिव कमलाकांत शर्मा एवं निज सचिव केपी द्विवेदी के यहां 23 जुलाई को छापा मारा था। इन अधिकारियों के यहां इंकम टैक्स को किलो में सोना व लाखों रूपए के अलावा करोड़ों रूपए की सम्पत्ति मिली थी। सतयनारायण शर्मा ने इंकम टैक्स विभाग के देखकर अपने घर में रखे दस्तावजों में आग भी लगा दी थी तथा इंकम टैक्स विभाग को किसी प्रकार का सहयोग देने से इंकार कर दिया, जिसकी रिपोर्ट इंकम टैक्स ने पुलिस विभाग में की थी। पुलिस सत्यनारायण शर्मा को गिरफ्तार भी किया था। इतना होने के बाद भी स्पीकर ईश्वरदास रोहाणी ने इन अधिकारियों के खिलाफ यह कहते हुए कार्यवाही नहीं की कि - इंकम टैक्स विभाग की रिपोर्ट आने के बाद वे कार्यवाही करेंगे। तीन महिने पहले इंकम टैक्स विभाग ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट में इन तीनों अधिकारियों के घरों से करोड़ों रूपए की अनुपातहीन सम्पत्ति मिलने की जानकारी विधानसभा सचिवालय को दे दी है।
इंकम टैक्स की रिपेार्ट आने के बाद स्पीकर रोहाणी ने विधानसभा के प्रमुख सचिव एके पयासी को इन अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे, लेकिन पयासी ने यह कहकर कार्यवाही करने से इंकार कर दिया कि विभाग की अंतरिम रिपोर्ट पर कार्यवाही नहीं की जा सकती। वे अंतिम रिपोर्ट आने के बाद ही कार्यवाही करेंगे। सूत्रों के अुनसार पिछले दिनों स्पीकर ने महसूस किया कि प्रमुख सचिव जानबूझकर भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं तो उन्होंने निर्देश दिए कि कार्यवाही संबंधी फाइल विधानसभा के एक अन्य सचिव को भेजी जाए एवं सचिव के द्वारा इस संबंध में कानूनी जानकारी लेकर र्कावाही की जाए,लेकिन प्रमुख सचिव एके पयासी ने गुरूवार तक उक्त फाइल सचिव के पास नहीं भेजी है।
लोकायुक्त ने क्यों नहीं की कार्यवाही : मप्र के आईएएस अरविन्द जोशी व टीनू जोशी के मामले में अखबारों की कटिंग के आधार पर प्रकरण कायम करने वाले लोकायुक्त संगठन पर उंगली उठ रही है। सरकारी कर्मचारियों का कहना है कि लोकायुक्त ने विधानसभा के तीन अफसरों पर लगभग सौ करोड़ रूपए मिलने के मामले में प्रकरण कायम क्यों नहीं किया?


इनका कहना है :



इस संबंध में कार्यवाही का निर्णय स्पीकर को करना है। पिछले दिनों स्पीकर ने उक्त फाइल मुझ से मंगा ली है। फाइल स्पीकर के पास है, वे जो निर्देश देंगे, हम वह कार्यवाही करेंगे।

एके पयासी
प्रमुख सचिव, मप्र विधानसभा





अवर सचिव कमलाकांत शर्मा की सम्पत्ति
- विधानसभा के अवर सचिव कमलाकांत शर्मा ने सरकारी नौकरी में रहते भ्रष्टाचार की कमाई से लगभग दस करोड़ रूपए कमाए हैं।
- कमलाकांत ने भोपाल के स्वामी विवेकानंद कॉलेज में अवैध कमाई से तीन करोड़ रूपए निवेश किए हैं। कॉलेज के दस्तावेजों से इसकी पुष्टि की जा सकती है।
- कमलाकांत के पास भोपाल के ग्राम बरखेडी कलां में नब्बे लाख रुपए कीमत के खेत हैं।
- कमलाकांत ने अपनी दूसरी पत्नि के वंदना शर्मा के नाम से नेहरूनगर भोपाल में सी 110 नंबर का मकान खरीदा कीमत 40 लाख रुपए।
- कोटरा सुल्तानाबाद भोपाल की चित्रगुप्त कॉलोनी में वंदना शर्मा के नाम से ही प्लाट नंबर 20, कीमत 30 लाख रुपए।
- अपनी अवैध कमाई को एक नंबर की कीरने के लिए रीवा में वंदना शर्मा के नाम से डेयरी संचालन केवल कागज पर दिखाते रहे हैं।
- ढेकहा मोहल्ला रीवा में अपने ससुर महिमा शंकर पांडेय एवं सास विद्यावती पांडेय के नाम से पचास लाख रूपए का कमान बनवाया।
- कमलाकांत ने अवैध कमाई से ही रीवा के अरूणनगर में मकान बनवाया जिसे अभी 16 लाख रूपए में बेचा है।
- रीवा शहर के बाहर बनकुईयां राजस्व मंडल में स्वयं, पन्ति, बच्चों एवं सास ससुर के नाम से 35 एकड़ भूमि क्रय की है जिसकी कीमत 80 लाख रूपए है।
- विवेकानंद इंजीनियरिंग कॉलेज से साठ लाख रूपए अवैध तरीके से निकाले गए।
- कॉलेज की एक कार फर्जी हस्ताक्षर करके अपने रिश्तेदार के नाम कर ली है।
- कमाकांत ने तनिष्क मैनेजमेन्ट कंपनी बनाकर उसमें विभिन्न नामों से चालीस रूपए का निवेश किया।
- कमलाकांत, उनकी पन्ति वंदना शर्मा एवं उनके रिश्तेदारों ने विवेकानंद कॉलेज में वेतन के नाम से 2.80 करोड़ रुपए निकाले, इसमें से 1.80 करोड़ रूपए का गबन किया गया।
- अपनी एक महिला मित्र, जो कि महिला एवं बाल विकास विभाग में परियोजना अधिकारी है, के नाम से कॉलेज में बीस लाख रूपए का निवेश किया गया है।
- कमलाकांत ने महिला बाल विकास विभाग में प्रतिनियुक्ति पर रहने के दौरान भारी भ्रष्टाचार किया है इसकी भी जांच होना चाहिए।


निज सचिव केपी द्विवेदी की सम्पत्ति


- तत्कालीन विधानसभा स्पीकर श्री निवास तिवारी के निज सहायक रहे केपी द्विवेदी पर आरोप है कि उन्होंने विधानसभा से अनुमति लिए बिना करोड़ों रूपए विवेकानंद इंजीनियरिंग कॉलेज में निवेश किए हैं।
- केपी द्विवेदी ने भोपाल के बरखेडी कलां में विभाग को बिना बताए 32 लाख रूपए की एक एकड़ भमि खरीदी।
- के पी ने भोपाल के नयापुरा में पच्चीस हजार वर्गफीट का फार्म भी बिना विभाग को बताए खरीदा है।
- केपी ने भोपाल की आधुनिक गृह निर्माण समिति में दो प्लाटों के लिए राशि पांच लाख रूपए जमा की है।
- केपी की काली कमाई की जानकारी विधानसभा स्थित बैंक के खाता क्रमांक 01190041333 की डिटेल निकलवाने से मिल जाएगी।
- केपी ने 10 अप्रेल 09 को अपने उपरोक्त बैंक खाते से पच्चीस पच्चीस लाख के दस चेक जारी किए हैं। यह ढाई करोड़ रूपए की राशि उनके पास कहां से आई?
- केपी ने विधानसभा कर्मचारी सहकारी खास समिति के अध्यक्ष रहते अपने कॉलेज के लिए फर्जी तरीके से 1.21 करोड़ रूपए की एफडीआर बना ली, ताकि इंजीनियरिंग कॉलेज के संचालन की अनुमति मिल सके।
- विवेकानंद कॉलेज संचालित करने वाली संस्था अक्षय शक्ति शिक्षा समिति में केपी द्विवेदी स्वयं अध्यक्ष रहे एवं पत्नि चंद्रकांती द्विवेदी को कोषाध्यक्ष एवं रिश्तेदार विवेकानंद द्विवदी को सचिव बनाकर करोड़ों रूपए का गबन किया है।
- केपी ने सत्य सांई सहकारी बैंक में जमा 35 लाख व 17 लाख रूपए की एफडीआर कॉलेज प्रबंधन की बिलना अनुमति के तुडवा लीं।
- केपी ने अपनी पत्नि के चद्रकांती द्विवेदी के नाम से साढ़े दस लाख रूपए की कीमत से 52 सीटर बस क्रमांक एमपी 04 एचबी 9189 खरीदी। यह पैसा उनके पास कहां से आया?
- केपी द्विवेदी ने अपनील पत्नि क नाम से भोपाल के पारस सिटी में एक फ्लेट खरदा एवं उसे बेचका साढ़े नो लाख रूपए कॉलेज में श्यामकली के नाम से निवेश कर दिया। चंद्रकांती एवं श्यामकली एक ही महिला है।
- केपी ने कॉलेज में फार्मेसी के भवन को दिखाकर बीएड की अनुमति प्राप्त की है।

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